शुरुआती चरण और जड़ों के विकास का महत्व
गेहूँ की खेती में बम्पर पैदावार सुनिश्चित करने के लिए शुरुआती 20 से 25 दिन सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। बुवाई के 15 से 20 दिन बाद फसल ‘क्राउन रूट इनिशिएशन’ (CRI) स्टेज पर पहुँचती है। यह वह समय है जब पौधे में नई सफेद जड़ें बनना शुरू होती हैं। यदि इस चरण में पौधे को सही पोषण मिलता है, तो जड़ों का विकास मजबूत होता है, जिससे एक ही पौधे से कई कल्ले (टिलर) निकलते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस फुटाव को बढ़ाने के लिए पहली सिंचाई और पहली खाद 20 से 25 दिनों के भीतर देना अनिवार्य है।
यूरिया और ह्यूमिक एसिड का शक्तिशाली संयोजन
पहली खाद के रूप में यूरिया (46% नाइट्रोजन) सबसे आधारभूत जरूरत है। यूरिया न केवल फसल में हरियाली लाता है, बल्कि प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को तेज कर कल्ले बनाने में मदद करता है। नाइट्रोजन की सही मात्रा 45 से 50 किलो प्रति एकड़ होनी चाहिए, जिसे दो किस्तों में देना फायदेमंद रहता है। यूरिया के साथ ह्यूमिक एसिड (2 किलो प्रति एकड़) मिलाने से मिट्टी भुरभुरी हो जाती है। यह जड़ों को जमीन में गहराई तक ले जाने और मिट्टी में मौजूद पानी व पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से सोखने में मदद करता है, जिससे कल्लों की संख्या में भारी वृद्धि होती है।




















